Who is Indian ComicsTuber?
90 का वो दौर और हर मोड़ पर मिलती कॉमिक्स -
90 का वो दौर..
हर मोड़ पर मिलती कॉमिक्स
और हमारा वो 7/8 रुपये की जनरल और 15-18 रुपये के विशेषांक को खरीदने के लिए हफ्ते/महीने भर किया गया अथक प्रयास।
कल जब कुछ भी नहीं था अपने पास तो जैसे सब कुछ था दुनिया में और आज बहुत कुछ अपने पास होते हुए भी वो बात नहीं।
एक ही जिंदगी है, कॉमिक्स मरी नहीं, तो आपका जुनून क्यों।
कॉमिक्स बच्चों की चीज है?
अच्छा..
आपकी सोच बचकाना है कॉमिक्स नहीं।
वक्त के साथ साथ कॉमिक्स में भी क्रमिक विकास हुआ है और अगर आप भी इस सोच में हैं कि कॉमिक्स तो बीते जमाने की बात है तो आपको थोड़ा और ज्ञान अर्जन की जरूरत है।
कॉमिक्स अब भी मिलती है और अब तो मार्केट में बहुत ही अच्छे ऑप्शन उपलब्ध हैं आपके लिए।
राज कॉमिक्स तो है ही, साथ ही साथ डायमंड, फिक्शन कॉमिक्स, होली काऊ, बुल्स आई प्रेस,याली ड्रीम्स क्रियेशन्स, कामिक्स इंडिया, फेनिल कॉमिक्स जैसे जबरदस्त नाम हैं और इनकी हर महीने एक से बढ़कर एक कॉमिक्स आती हैं।
तो चलिए कॉमिक्स के संसार में डुबकी मारते हैं...
आप है, मैं हूं, हम सब हैं इंडियन कॉमिक्सट्यूबर।
इंडियन कॉमिक्सट्यूबर, वह आम फैन है जो कॉमिक्स पढ़ता है और उस कॉमिक्स के बारे में अपने विचार व्यक्त करता है।
वह चाहता है कि आप भी कॉमिक्स पढ़े, कॉमिक्स पढ़ने की यह हॉबी कभी खत्म ना हो, इंडियन कॉमिक्स बरकरार रहे।
पर हां, वह किसी पब्लिशर का सगा नहीं है जो अपने कारपोरेट गुलामी की व्यस्ततम जिंदगी से समय निकाल के केवल चापलूसी भरी बातें लिखे।
वह कॉमिक्स का सगा है, वह नागराज, सुपर कमांडो ध्रुव, डोगा, साबू, चाचा चौधरी, जालिम मांझा, आधिरा मोही, सत और युग का सगा है।
वह आप में से है, वह एक कोई व्यक्ति विशेष नहीं है लेकिन उस नाम को धारण करके आपको यहां कंटेंट कौन दे रहा है? इन पेजों को चला कौन कर रहा है इस बारे में अगर आप जानना चाहते हैं तो हां मैं आपको बता दूं कि इंडियन कॉमिक्स ट्यूबर के पेज को रन करने वाला महादेव की नगरी बनारस से वास्ता रखने वाला एक आम बनारसी है, जिसका नाम विकास माहेश्वरी है। जो कॉमिक्स के गोल्डन एरा 90s से कॉमिक्स पढ़ता और उसका संग्रह करता चला आ रहा है।
इंडियन कॉमिक्स ट्यूबर के सोशल मीडिया पेज, यूट्यूब चैनल और ब्लॉग के माध्यम से मेरा सिर्फ इतना ही प्रयास है कि मैं लोगों को आज के समय में भी कॉमिक्स पढ़ने के प्रेरित कर पाऊं, खासकर भारतीय कॉमिक्स पढ़ने के लिए।
हां वह बात अलग है कि भारतीय कॉमिक्स पब्लिशरों ने (कुछ खास बड़े नामों ने) मार्केट में अलग ही लूट मचा रखी है आजकल, जिस से वे बढ़ने की जगह सिमटते जा रहे हैं।