An-One: Origins - Curious Bit Publication
(Review with spoilers)
कॉमिक्स अभी अंग्रेजी भाषा में है, पर रिव्यू आप हिंदी में पढ़िए😅 (नवंबर 04, 2022)
और हां, 3 भागों का रीव्यू है, चाह कर भी और छोटा लेख नहीं हो सकता था।
ग्रीन लैंटर्न के एडवेंचर पसंद आते हैं?
आकाशगंगाएँ, समयधाराएं, सुदूर भविष्य और साइंस फिक्शन की भरमार पढ़नी है?
तो अब तक आपने An One क्यों नहीं पढ़ी?
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An One Origins - भाग01
कुल पेज- 24 । मूल्य- 280₹
कथा- वरुण मल्होत्रा । पेंसिलिंग- पाउलो रिकार्डो
इंकर- ऑरलैंडो मारो । रंग सज्जा- ग्रेगरी ओट्टावियानी
An One Origins - भाग02
कुल पेज- 28 । मूल्य - 400₹
कथा- वरुण मल्होत्रा । पेंसिलिंग एवं इंकिंग- जारेट काट्ज
रंग सज्जा- वलेरिया वेर्डी । शब्दांकन- जस्टिन बर्च
कुल पेज- 28 । मूल्य - 400₹
कथा- वरुण मल्होत्रा । पेंसिलिंग एवं इंकिंग- जारेट काट्ज
रंग सज्जा- वलेरिया वेर्डी । शब्दांकन- जस्टिन बर्च
An One Origins - भाग03
कुल पेज- 40 । मूल्य- 416₹
कथा- वरुण मल्होत्रा । पेंसिलिंग एवं इंकिंग- जारेट काट्ज
रंग सज्जा- वलेरिया वेर्डी । शब्दांकन- रविराज आहूजा
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⚪ कहानी-कुल पेज- 40 । मूल्य- 416₹
कथा- वरुण मल्होत्रा । पेंसिलिंग एवं इंकिंग- जारेट काट्ज
रंग सज्जा- वलेरिया वेर्डी । शब्दांकन- रविराज आहूजा
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कहानी 2050 में गढ़ी हुई है पर मुझे नहीं लगता कि 2050 में दुनिया की तकनीक इतनी ज्यादा उन्नत हो जाएगी, तमाम देशों की सरकारें रोड तो बनवा नहीं पाती ठीक से अभी।
खैर, भविष्य भला कौन ही आंक पाया है। लेकिन लेखक की परिकल्पना ये नामुमकिन भी संभव कर देती है।
खैर, भविष्य भला कौन ही आंक पाया है। लेकिन लेखक की परिकल्पना ये नामुमकिन भी संभव कर देती है।
An one का पहला भाग लेखक ने
2017-18 में ही लिख दिया था, पर उनके तमाम निजी एवं व्यक्तिगत व्यवधानों से निवृत्त होने के पश्चात इसका डिजिटल संस्करण हमारे सामने 2020 में आ सका और अंततः 2022 में इसके पहले भाग का प्रिंटेड वर्जन बाजार में आया।
और ज्यादा जानकारी के लिए संलग्न चित्र देखें।
पाठक कभी एक जैसा नहीं होता, जो सामग्री मुझे रुचिकर लग सकती है वो शायद आपको बेहद निम्न या बोझिल लग सकती है या इस से उलट जो मुझे बिलकुल ही नीरस लगे वो आपको बहुत ही बेहतर। हर किसी का पैमाना अलग है इसलिए मेरे विचार पढ़ें पर किसी भी प्रोडक्ट को लेना है या पढ़ना है ये अपनी रुचि के अनुसार ही तय करें।
अब आगे बढ़ता हूं और अब यह बता दूं कि मुझे सरल कहानियां पसंद हैं।मुंशी प्रेमचंद की कहानियों जैसे अपने दैनिक जीवन से जिन्हें आप जोड़कर करीब से महसूस कर सकें, वो कहानियां आकर्षित करती हैं। अनुपम सिन्हा जी का आयाम-आयाम वाला नागराज नहीं बल्कि मुझे उनका महानगर के भारती कम्युनिकेशन वाला राज और नागराज की कहानियां पसंद हैं, प्रताप मुलीक जी के नागराज के अंतरराष्ट्रीय सफर वाली कहानियां पसंद है।
ज्यादा ही जटिल कहानियां मुझे बोर करती हैं, अनुपम सिन्हा जी की अब की कहानियां वन शॉट नहीं पढ़ पाता, सो जाता हूं बीच में एक नींद।
ज्यादा ही जटिल कहानियां मुझे बोर करती हैं, अनुपम सिन्हा जी की अब की कहानियां वन शॉट नहीं पढ़ पाता, सो जाता हूं बीच में एक नींद।
वरुण भाई, माफ करना पर An One पढ़ते हुए भी आंख लगी थी।
कम शब्दों में कहूं तो कहानी का सार जो अब तक मुझे दो बार पढ़ने के बाद समझ आया है वो ये कि एक ऐसी भविष्य की दुनिया है जहां के भगवान का अलग तरह का अस्तित्व है। लेखक की तारीफ करूंगा मैं, कि अगर तो यह कहानी कहीं से बिलकुल भी प्रेरित नहीं है तो आपकी कल्पना क्षमता का कोई सानी नहीं है।
कम शब्दों में कहूं तो कहानी का सार जो अब तक मुझे दो बार पढ़ने के बाद समझ आया है वो ये कि एक ऐसी भविष्य की दुनिया है जहां के भगवान का अलग तरह का अस्तित्व है। लेखक की तारीफ करूंगा मैं, कि अगर तो यह कहानी कहीं से बिलकुल भी प्रेरित नहीं है तो आपकी कल्पना क्षमता का कोई सानी नहीं है।
एक अलग ही तरह की दुनिया, 14 रियलिटीज या शायद कहूं समयधाराएं /आकाशगंगाएं जिनका निर्माण एक पवित्र ऊर्जा के तीन हिस्सों ने किया जिसे मूलआत्म कहा गया है कहानी में।
पर ये द सिक्स्थ जी सनक जाते हैं और जैसा कि हर पापी सिर्फ पाप बढ़ाने और अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए हर यत्न करता है, ये भाई साहेब भी विनाश फैलाते हैं और 14 रियलिटीज पर कब्जा करना चाहते हैं।
ये सब जितना भी कुछ मैं समझ के बता पता हूं ये है भाग तीन में लिखा हुआ, भाग तीन ना पढ़ता समय से तो जो पहले दो भाग पढ़े थे मैंने उसको पढ़ के समझ ही नहीं आ रहा था कि आप लोगों से साझा क्या करूं।
अब तक जो भी आप सबको बताया, उसमे लाता हूँ एक बड़ा ट्विस्ट,
ये योगिक कहानी का मुख्य अंग होकर भी मुख्य पात्र नहीं है। कहानी का मुख्य पात्र तो मेजर वायु है।
अब यह मेजर वायु कौन है और उसकी पहचान क्या है यह पहले ही भाग से पढ़ने को मिल जाएगा आपको क्योंकि ये उसी की तो ओरिजिन स्टोरी है।
मगर भाग एक और भाग दो में आर्टिस्ट बदल जाने के बाद पूरा मेजर वायु का पात्र ही बदल गया है।
भाग एक पढ़ने के बाद आप भाग दो पढ़ेंगे तो लगेगा अरे बीच का कहां गया या ये कौन आ गया। ये इस कहानी के साथ सबसे बड़ा दुर्भाग्य रहा है मेरे हिसाब से। वो तो शुक्र है कि लेखक ने खुद इसका डिस्क्लेमर पोस्ट अपने सोशल मीडिया हैंडल पर दिया है वरना भाग 1 और 2 जल्दी किसी को नहीं समझ आने थे।
भाग एक में बनाया गया दढ़ियल और आम सा दिखने वाला मेजर वायु लड़ते लड़ते कब चिकना और रोनाल्डो जैसा सुपरफिट उसी लड़ाई में ही हो जाता है भाग दो में वो देखने के बाद आप भी शायद सकपका जाएं।
मेजर वायु की योगिक से मुलाकात, An one समूह का नेतृत्व करना, अपनी शक्तियों की पहचान और फिर द सिक्स्थ से मुठभेड़, अब ये सब भाग चार बताएगा और पढ़ते पढ़ते मुझे भी दिलचस्पी आने लगी है और बेशक जटिल कहानियों और "अति" साइंस फिक्शन लवर को तो मजा ही आ जाना है।
⚪चित्र-
सबसे बड़ा बेड़ागर्क वहीं हुआ है जहां पहले भाग के बाद चित्रकार बदलने से अगले भाग में सारे पात्र यहां तक कि मुख्य पात्र का भी कायाकल्प हो गया है बाकी पहले भाग के चित्र औसत से थोड़े कम और बाकी दो भागों के चित्र औसत से थोड़े ऊपर के बने हैं।
सबसे बड़ा बेड़ागर्क वहीं हुआ है जहां पहले भाग के बाद चित्रकार बदलने से अगले भाग में सारे पात्र यहां तक कि मुख्य पात्र का भी कायाकल्प हो गया है बाकी पहले भाग के चित्र औसत से थोड़े कम और बाकी दो भागों के चित्र औसत से थोड़े ऊपर के बने हैं।
पूरे विदेशी आर्टिस्टों की टोली लेने से आपको इस के सारे पात्र भी विदेशी ही लगेंगे और अपनापन महसूस नहीं होगा आर्टवर्क से, भले ही सारे पात्रों के नाम हिंदू देवी देवताओं के नाम ट्विस्ट कर के रखे गए हैं।
वैसे तो मैंने वरुण भाई को कई सुझाव दिए हैं और वो इतने सुलझे इंसान हैं कि उन्होंने मेरी बातें सुनी और समझीं हैं, कुछ और भी हैं जिनमें एक कि Curious Bit Publication का लोगो डिजाइन थोड़ा और आकर्षक बनाने की जरूरत है, जो वर्तमान है उसे देखकर लगा कि मैं ही कुछ बना के दे दूं क्या। कवर ठीक ठाक बने हैं और मेरा पसंदीदा कवर भाग तीन का है।
⚪क्वालिटी का मानक-
पहले भाग के कवर और अंदर के कुछ फ्रेम को ठीक से देखने से लगता है जैसे प्रिंटिंग क्वालिटी अच्छी नहीं है पर अगले दो भागों को पन्ने पलट के ही देखने से लग जाएगा कि कोई विदेशी कॉमिक्स है, इतनी बेहतर हैं।
पिन बाइंडिंग की गई है पर मुझे थ्रेड बाइंडिग बेहतर लगती है और जहां कॉमिक्स के अच्छे खासे दाम हों वहां थ्रेड बाइंडिंग करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। खैर, पिन बाइंडिंग भी बहुत अच्छे से की गई है जिसकी वजह से कॉमिक्स बहुत आराम से दो पाटों में खुल जाती है और पिन भी अच्छी तरह बिना पन्नों को नुकसान पहुंचाए लगाए गए हैं।
पेपर ग्लासी है पर बेहद चमकीला नहीं है और मुझे मैट पसंद है जिसमें रोशनी में आर्टवर्क चुभता नहीं कुछ वैसा ही पेपर ये भी है ग्लासी होने के बावजूद, क्वालिटी पेपर का इस्तेमाल किया गया है जिसे आप पन्ने पलटते समय छूने और महसूस करेंगे।
कॉमिक्स लम्बे साइज की है पर यह आपको थोड़ा अजीब लग सकता है (चित्र देखें) -
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क्यों लें-
नए पब्लिशर की वर्षों के मेहनत को बढ़ावा देने के लिए ताकि वो और बेहतर कर सके।
जटिल कहानियों और ब्रम्हांड की समयधाराओं में खो जाने के लिए।
"कुछ हट के" पढ़ने के लिए।
क्यों X "ना लें"-
बहुत पेचीदा कहानियां ना हजम हों और उदासीन लगती हों तो।
इतने अच्छे मूल्य देकर बहुत ही wow आर्ट की उम्मीद लगा लेते हों अगर तो।
बहुत पेचीदा कहानियां ना हजम हों और उदासीन लगती हों तो।
इतने अच्छे मूल्य देकर बहुत ही wow आर्ट की उम्मीद लगा लेते हों अगर तो।
Indian ComicsTuber की सलाह-
वरुण भाई ने जिस तरह से सारे कॉमिक्स रिव्युवर्स को चुन-चुन के अपनी कॉमिक्स हर बार भेजी है उसका तहेदिल से स्वागत और सम्मान, पर मुझे लगता है कि आप अपने देश के नए युवा कलाकारों और रचनाकारों को मौका देते तो आपको इससे बेहतर काम मिलता और उस लागत में मिलता जिस से ये कॉमिक्स ज्यादा से ज्यादा लोगों तक किफायती दाम में पहुंच पाती। अभी फिलहाल के लिए जितनी लागत आपने लगाई है और जिस मूल्य में ये लोगों तक आप पहुंचा पा रहे हैं वो भारतीय कॉमिक्स मार्केट के हिसाब से बहुत ज्यादा है और फिर आपका ब्रांड भी कुछ ही पाठक वर्ग तक सिमट के रह जाना है जो मैं किसी भी नए पब्लिशर के लिए नहीं चाहता।
इसपे काम करें और मूल्य ऐसा रखें कि यह एक बड़े पाठक वर्ग तक पहुंचे। "May the Force be with you brother".
मेरे मित्र, जो इतनी लंबी पोस्ट में अब तक साथ बने हैं उनको ये सलाह है कि अपना बजट देखते हुए नए पब्लिशर का स्वागत जरूर करें
"मगर"
ये याद रहे कि आज भारतीय कॉमिक्स मार्केट में वैल्यू फॉर मनी बहुत से ब्रांड हैं जिसे आप आराम से खरीद कर पढ़ सकते हैं।
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You can buy it from here -
https://www.anone.in/shop
Or, search for it on Amazon
वरुण भाई ने जिस तरह से सारे कॉमिक्स रिव्युवर्स को चुन-चुन के अपनी कॉमिक्स हर बार भेजी है उसका तहेदिल से स्वागत और सम्मान, पर मुझे लगता है कि आप अपने देश के नए युवा कलाकारों और रचनाकारों को मौका देते तो आपको इससे बेहतर काम मिलता और उस लागत में मिलता जिस से ये कॉमिक्स ज्यादा से ज्यादा लोगों तक किफायती दाम में पहुंच पाती। अभी फिलहाल के लिए जितनी लागत आपने लगाई है और जिस मूल्य में ये लोगों तक आप पहुंचा पा रहे हैं वो भारतीय कॉमिक्स मार्केट के हिसाब से बहुत ज्यादा है और फिर आपका ब्रांड भी कुछ ही पाठक वर्ग तक सिमट के रह जाना है जो मैं किसी भी नए पब्लिशर के लिए नहीं चाहता।
इसपे काम करें और मूल्य ऐसा रखें कि यह एक बड़े पाठक वर्ग तक पहुंचे। "May the Force be with you brother".
मेरे मित्र, जो इतनी लंबी पोस्ट में अब तक साथ बने हैं उनको ये सलाह है कि अपना बजट देखते हुए नए पब्लिशर का स्वागत जरूर करें
"मगर"
ये याद रहे कि आज भारतीय कॉमिक्स मार्केट में वैल्यू फॉर मनी बहुत से ब्रांड हैं जिसे आप आराम से खरीद कर पढ़ सकते हैं।
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